मालदीव ने इजरायली पासपोर्ट धारकों के प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध
मालदीव ने हाल ही में घोषणा की है कि वह इजरायली पासपोर्ट धारकों के देश में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाएगा। यह निर्णय मुख्य रूप से फिलिस्तीनी क्षेत्रों में इजरायल की कार्रवाइयों और वहां के लोगों के साथ किए जा रहे अमानवीय व्यवहार के प्रतिकार स्वरूप लिया गया है।
प्रतिबंध का कारण
मालदीव की संसद, जिसे "मजलिस" के नाम से जाना जाता है, ने एक प्रस्ताव पारित किया जिसमें इजरायली नागरिकों के मालदीव में प्रवेश पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया गया। यह प्रस्ताव पिछले वर्ष विलिंगिली के सांसद साउद हुसैन द्वारा प्रस्तुत किया गया था और इसे संसद की विदेश मामलों की समिति द्वारा समीक्षा के बाद मंजूरी दी गई। इस प्रस्ताव में इजरायल से आयातित वस्तुओं के आयात पर भी प्रतिबंध लगाने की मांग की गई थी।
क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतिक्रिया
यह कदम गाजा में इजरायल द्वारा की जा रही बमबारी और उसमें हुई हजारों फिलिस्तीनियों की मौत के संदर्भ में उठाया गया है। इस युद्ध के दौरान 32,000 से अधिक फिलिस्तीनी मारे गए हैं।
मालदीव का रुख
मालदीव ने पहले भी इस प्रकार के प्रतिबंध लगाने की कोशिश की थी। नवंबर 2023 में, संसद की विदेश मामलों की समि (MV+) (MV+)भेजकर इसी तरह के प्रतिबंध लगाने की सिफारिश की थी। मालदीव की संसद के अधिकांश सदस्यों ने इस कदम का समर्थन किया और इसे सरकार की ध्यान में लाने की बात कही।
निष्कर्ष
इस निर्णय ने मालदीव को उन कुछ देशों में शामिल कर दिया है जिन्होंने इजरायल के खिलाफ कठोर कदम उठाए हैं। यह प्रतिबंध तब तक जारी रहेगा (MV+) फिलिस्तीनी क्षेत्रों से अपनी उपस्थिति वापस नहीं ले लेता और वहां शांति स्थापित नहीं हो जाती। मालदीव का यह कदम अंतर्राष्ट्रीय समुदाय में एक महत्वपूर्ण संदेश के रूप में देखा जा रहा है, जिसमें मानवाधिकारों और न्याय की वकालत की जा रही है।
मालदीव की इस नीति का उद्देश्य इजरायल पर अंतर्राष्ट्रीय दबाव बढ़ाना और फिलिस्तीनी लोगों के समर्थन में खड़ा (MV+)र के प्रतिबंध अंतर्राष्ट्रीय राजनीति में महत्वपूर्ण संदेश देते हैं और विभिन्न देशों को अपने नीतिगत निर्णयों पर पुनर्विचार करने के लिए प्रेरित कर सकते हैं।
इस निर्णय के बारे में अधिक जानकारी और अपडेट्स के लिए, आप यहां पढ़ सकते हैं।
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